Fri Dec 20
एक मां की सुप्रीम कोर्ट से गुहार, पहली शादी से जन्मे बेटे को गोद लेने की मांगी इजाजत
पति को होटल में पकड़ा था...!
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अजब मामला सामने आया है. अपने तरह के एक अलग मामले में दोबारा शादी कर चुकी एक तलाकशुदा महिला सुप्रीम कोर्ट पहुंची है और अपनी पहली शादी से जन्मे बेटे को गोद लेने की गुहार लगाई है. महिला का कहना है कि हालांकि,हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम (HAMA) के तहत ये अनिवार्य है कि इसके लिए जैविक पिता की सहमति जरूरी है,लेकिन सुप्रीम कोर्ट आदेश दे कि इसके बिना भी महिला अपने दूसरे पति के साथ इस बेटे को गोद ले सकती है.
प्रेग्नेंसी में पति को छोड़ा था
याचिकाकर्ता दिव्या ज्योति सिंह की ओर से पेश वकील वंशजा शुक्ला ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़,जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने ये केस रखा. पीठ ने उनके पूर्व पति को नोटिस जारी किया कर जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया है उनकी शादी नवंबर 2013 में हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि सितंबर 2015 में जब वह गर्भावस्था के अंतिम चरण में थीं,तब उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया.पति को होटल में पकड़ा था!
दिव्या ने बताया कि उसने अपने माता-पिता और भाई के साथ मिलकर 2016 में अपने पति और भाई की पत्नी को एक होटल में पकड़ा था. अक्टूबर 2015 में उनके बेटे के जन्म के बाद पति एक बार भी उनसे मिलने नहीं आया. दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ क्रॉस केस दायर करने के बाद,सितंबर 2016 में एक फैमिली कोर्ट ने आपसी सहमति से उन्हें तलाक दे दिया. शुक्ला ने बताया कि सिंह ने 2020 में दोबारा शादी कर ली और उनके पति और परिवार ने उनके बच्चे को स्वीकार करने पर सहमति जताई. बेहद तनाव,दर्द और पीड़ा से गुजरने के बावजूद दोबारा शादी करने का फैसला इसलिए लिया गया,क्योंकि वह बच्चे को सामान्य और स्वस्थ परवरिश देना चाहती थीं.
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