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बिहार जहरीली शराब मामला: छपरा और सिवान में फिर पसरा मातम, 28 की मौत, तेजस्वी ने सरकार से पूछे सवाल
2024-10-17 HaiPress
बिहार के छपरा-सिवान में जहरीली शराब से कई की मौत
नई दिल्ली:
बिहार में जहरीली शराब पीने की वजह से 28 लोगों की मौत की खबर आ रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार ये मौतें सिवान और छपरा में हुई हैं. पुलिस के अनुसार सिवान में जहरीली शराब से 20 लोगों की जबकि छपरा में 8 लोगों की मौत हिुई है. जहरीली शराब पीने की वजह से कई लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है. इन लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है,जहां उनका इलाज चल रहा है. कहा जा रहा है कि जहरीली शराब की वजह से मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा
जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ने की आशंका है. डॉक्टरों के अनुसार जहरीली शराब पीने की वजह से जिन लोगों को अस्पताल में इलाज चल रहा है उनकी हालत बेहद खराब है. उधर,जहरीली शराब से मौत की खबर के बीच राज्य सरकार के मंत्री रत्नेश सादा का अजीबोगरीब बयान सामने आया है. जहरीली शराब पीने से इतनी मौत के बाद भी मंत्री यह नहीं मान रहे हैं कि यह प्रशासनिक विफलता का मामला है. उनका मानना है कि यह कोई प्रशासनिक विफलता नहीं है. अब ऐसे में सवाल ये है कि इतने लोगों की मौत का आखिर जिम्मेदार कौन है?हालांकि,मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की है कि इस पूरे मामले में अब सभी शराब माफियाओं पर सीसीए लगाया जाएगा.इसको लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा और सीसीए का प्रस्ताव को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत की जाएगी और प्रशासनिक तैयारी के बाद शराब माफिया पर सीसीए जाने का निर्णय ले लिया गया है.
पटना मेडिकल कॉलेज में भी पांच की हुई है मौत
छपरा और सिवान से कई गंभीर मरीजों को पटना के मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था. पटना मेडिकल कॉलेज के एमएस का कहना है कि हमारे पास जितने लोगों को रेफर किया गया था,उनमें से पांच लोगों की मौत हो चुकी है. पांच लोगों में चार की मौत तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गई थी.सत्ता संरक्षण में ज़हरीली शराब के कारण 27 लोगों की हत्या कर दी गई है. दर्जनों की आंखों की रोशनी चली गई. बिहार में कथित शराबबंदी है लेकिन सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और माफिया के गठजोड़ के कारण हर चौक-चौराहों पर शराब उपलब्ध है.इतने लोग मारे गए लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना तक व्यक्त नहीं की. जहरीली शराब से,अपराध से प्रतिदिन सैकड़ों लोग मारे जाते हैं लेकिन अनैतिक और सिद्धांतहीन राजनीति के पुरोधा मुख्यमंत्री और उनकी किचन कैबिनेट के लिए यह सामान्य सी बात है.कितने भी लोग मारे जाएं लेकिन मजाल है किसी वरिष्ठ अधिकारी पर कोई कारवाई हो? इसके विपरीत उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा? अगर शराबबंदी के बावजूद हर चौक-चौराहे व नुक्कड़ पर शराब उपलब्ध है. तो क्या यह गृह विभाग और मुख्यमंत्री की विफलता नहीं है? क्या मुख्यमंत्री जी होशमंद है? क्या CM ऐसी घटनाओं पर एक्शन लेने व सोचने में सक्षम और समर्थ है? इन हत्याओं का दोषी कौन?
तेजस्वी यादव,नेता प्रतिपक्ष