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'कभी एक टमाटर तो कभी एक भटा देकर', DSP ने 14 साल बाद संघर्ष के दिनों वाले दोस्त को कुछ यूं किया याद, पढ़कर भावुक हो जाएंग आप
2024-11-14 HaiPress
डीएसपी ने अपने पुराने दोस्त को किया याद
नई दिल्ली:
एक कहावत है ना कि जो सुख में आपके साथ हो उसे भले एक बार लिए भूल जाओ तो ठीक लेकिन जिसने दुख और तकलीफ में आपका साथ दिया हो उसे ताउम्र भूलने की गलती नहीं करनी चाहिए. इस कहावत को सही साबित किया है डीएसपी संतोष पटेल ने.दरअसल,इन दिनों संतोष पटेल का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें वो अपने संघर्ष के दिनों के दोस्त से 14 साल बाद मिलते दिख रहे हैं. उनका यह दोस्त कोई और नहीं बल्कि एक सब्जी बेचने वाला शख्स है. संघर्ष के दिनों में उनका यह दोस्त उन्हें मुफ्त में सब्जियां दिया करता था.
सलमान ख़ान से भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय मुलाक़ात हुई थी। ये हमारी भावनाओं को समझकर फ्री में सब्ज़ी दे दिया करते थे।14 साल बाद जब अचानक मिले तो दोनों बहुत खुश हुए।बुरे समय में साथ निभाने वाले को भूल जाना किसी पाप से कम नहीं।बंदे में एक दोष न हो,बंदा ऐहसान फ़रामोश न हो pic.twitter.com/FMTdOW5cBH
— Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) November 10,2024
डीएसपी संतोष पटेल ने खुद शेयर किया था वीडियो
डीएसपी संतोष पटेल ने अपने इस दोस्त का वीडियो अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया है. उन्होंने इस पोस्ट में अपने दोस्त के लिए लिखा कि सलमान ख़ान से भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के समय मुलाक़ात हुई थी। ये हमारी भावनाओं को समझकर फ्री में सब्ज़ी दे दिया करते थे।14 साल बाद जब अचानक मिले तो दोनों बहुत खुश हुए।बुरे समय में साथ निभाने वाले को भूल जाना किसी पाप से कम नहीं।बंदे में एक दोष न हो,बंदा ऐहसान फ़रामोश न हो.उन्होंने इस वीडियो में अपने दोस्त के लिए कहा कि जब संघर्ष के दिन याद आते हैं तो कुछ चेहरे ऐसे होते हैं जिनको यादकर मन खुश हो जाता है. जब हम पढ़ते थे भोपाल में तो एक सलमान भाई ट्रांसफर के नीचे एक सब्जी का ठेला लगाते थे. आज जब इनसे करीब 14 साल मिला तो ये मुझे वहीं दिखे. तो मैं इनसे मिलने चला आया. जीवन में जिसने एहसान किया है उसे हमेशा याद करते रहना चाहिए. जिसने संघर्ष के दिनों में हमारा साथ दिया हो उसे कभी नहीं भूलना चाहिए.
संतोष पटेल ने इस वीडियो में बताया है कि भोपाल में वह 2009 से 2013 तक यहीं रहे थे. उस दौरान जब उनके पास खाने का कुछ नहीं होता था वो अपने दोस्त से एक टमाटर और कोई दूसरी सब्जी ऐसे ही ले लिया करते थे. दोस्त से मिलने के बाद जाते-जाते डीएसपी संतोष पटेल ने उसे अपना फोन नंबर दिया और कहा कि नंबर रखे रखना कभी कोई जरूरत हो तो जरूर बताना.