Thu Nov 13
रजाकारों पर मल्लिकार्जुन खरगे को योगी आदित्यनाथ ने क्यों दी नसीहत, क्या है मराठा आरक्षण कनेक्शन
2024-11-14
HaiPress

नई दिल्ली:
योगी आदित्यनाथ मंगलवार को चुनाव प्रचार करने के लिए महाराष्ट्र गए थे. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर निशाना साधा.उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे मुझ पर बेवजह गुस्सा कर रहे हैं. उन्हें गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निजाम पर करें,जिनके रजाकारों ने आपका गांव जला दिया,हिंदुओं को बेरहमी से मारा. आपकी आदरणीय मां,बहन,आपके परिवार के सदस्यों को जला दिया.यह सच्चाई देश के सामने रखिए. दरअसल खरगे ने झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा था.उन्होंने कहा था कि कई साधु अब राजनेता बन गए हैं. वे गेरुआ कपड़े पहनकर समाज में नफरत फैला रहे हैं और लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.आइए हम जानते हैं कि रजाकार कौन थे,जिन पर योगी आदित्यनाथ खरगे के परिजनों को जलाकर मारने का आरोप लगा रहे हैं.
कौन थे रजाकार जिन पर निशाना साध रहे हैं योगी आदित्यनाथ
आजादी मिलने के समय हैदराबाद पर निजाम का शासन था. हैदराबाद हिंदू बहुल राज्य था. वहां के हिंदू चाहते थे कि हैदराबाद का भारत में विलय हो जाए.लेकिन निजाम इसके खिलाफ थे. निजाम की सेना को रजाकार के नाम से जाना जाता था. यह मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन का हथियारबंद दस्ता था. इसे हैदराबाद के भारत में विलय के समर्थकों को शांत करने का काम दिया गया था.जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने हैदराबाद के मामलों में दखल न देने का वादा किया था. लेकिन भारतीय सेना ने तीन दिन तक 'ऑपरेशन पोलो' चलाकर हैदराबाद को भारत में मिला दिया.
खड़गे जी!
आपको गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निजाम पर करिए। निजाम के रजाकारों ने आपके गांव को जलाया था,हिंदुओं की निर्मम हत्या की थी... pic.twitter.com/cRQI9ESgIO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 12,2024इस दौरान खबरें आईं कि निजाम की सरकार ने लोगों के साथ ज्यादती की. इसकी जांच के लिए जवाहर लाल नेहरू की सरकार ने एक जांच आयोग का गठन किया. लेकिन उसकी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई.
योगी आदित्यनाथ ने क्या आरोप लगाए थे
योगी आदित्यनाथ ने आरोप लगाया था कि खरगे सच्चाई को बताना नहीं चाहते हैं,क्योंकि इससे निजाम नाराज हो जाएगा और मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस के हाथ से खिसक जाएगा. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इतिहास को मिटा रही है. निजाम के रजाकारों ने हैदराबाद में हिंदुओं का बेरहमी से कत्लेआम किया था. खरगे इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं और वोट के खातिर अपने परिवार के बलिदान को भूल जाना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि डॉक्टर बीआर आंबेडकर ने हिंदुओं और अनुसूचित जाति के लोगों को सलाह दी थी कि वो सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र चले जाएं.आदित्यनाथ के दावों में कितनी सच्चाई है?
मल्लिकार्जुन खरगे का जन्म बीडर के एक दलित परिवार में हुआ था. बीडर अब कर्नाटक में है. उस पर रजाकारों ने हमला किया था.रजाकार हैदाराबाद राज्य के खिलाफ शुरू हुए विद्रोह को दबा रहे थे.खरगे ने कई बार मीडिया को दिए इंटरव्यू में बता चुके हैं कि घटना वाले दिन वो अपने घर के बाहर खेल रहे थे और उनके पिता खेत में काम कर रहे थे.इस दौरान उनके घर में आग लगा दी गई. इस आग में जलकर उनकी मां,बहन और अन्य परिजनों की मौत हो गई.
क्या रजाकार का मामला किसी और नेता ने भी उठाया था
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी चुनाव प्रचार के दौरान रजाकार का मामला उठाया था. दरअसल हैदाराबाद के सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी की ओर से लगाए जा रहे 'लव जिहाद' और 'वोट जिहाद' जैसे आरोपों की आलोचना करते हुए कहा था कि उनके पूर्वजों ने अंग्रेजों के खिलाफ वास्तविक जिहाद किया था.इसके जवाब में फडणवीस ने कहा था,"वे रजाकारों के वंशज हैं,जिन्होंने मराठवाड़ा के लोगों पर अत्याचार किया,उनकी जमीनें लूटीं,महिलाओं से बलात्कार की कोशिश की और परिवारों को नष्ट कर दिया. वे हमसे कैसे बात कर सकते हैं?क्या पहले भी उठा है रजाकारों का मुद्दा
पिछले साल तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव कराए गए थे. उस दौरान एक फिल्म रीलीज हुई थी,'रजाकार'. इसके निर्माता थे बीजेपी के एक नेता. इस फिल्म ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था. इसकी एआईएमआईएम और भारत राष्ट्र समिति ने आलोचना की थी.उस समय ओवैसी ने कहा था कि रजाकार बहुत पहले चले गए,अब 'गोडसे के बच्चों' को भगाने का समय आ गया है. वहीं उस समय बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे केटी रामा राव ने कहा था,"बीजेपी के कुछ बौद्धिक रूप से दिवालिया जोकर अपने राजनीतिक प्रचार सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. हम इस मामले को सेंसर बोर्ड और तेलंगाना पुलिस के समक्ष उठाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तेलंगाना की कानून व्यवस्था प्रभावित न हो.''



