Thu May 08
SC ने ईशा फाउंडेशन मामले पर तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को क्यों लगाई फटकार, क्या है मामला पढ़ें
2025-02-14
IDOPRESS
ईशा फाउंडेशन से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सदगुरु वासुदेव जग्गी के तमिलनाडु के कोयंबटूर में बने ईशा फाउंडेशन के निर्माण (Isha Foundation) में पर्यावरण मंजूरी नहीं लेने से जुड़ी याचिका पर आज सुनवाई की. ये याचिका तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दायर की थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को फटकार लगाते हुए पूछा कि उनको इतने दिनों तक मंजूरी नहीं लिए जाने की बात याद क्यों नहीं आई. अब तो योग केंद्र बन चुका है तो अब यह सवाल क्यों उठा रहे हैं.
"समय पर SC जाने से किसने रोका था?"
जस्टिस सूर्यकांत ने तमिलनाडु प्रदूषण बोर्ड से कहा कि आपको समय पर SC जाने से किसने रोका था. केरल HC द्वारा दिया गया स्टे दूसरे कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को कैसे छीन लेगा? बेहतर हलफनामा दाखिल करने की गुहार पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर हम बेहतर हलफनामे स्वीकार करना शुरू कर दें और 633 से अधिक दिनों की देरी को स्वीकार कर लें तो गरीब वादियों को इससे क्यों वंचित किया जाना चाहिए. केवल संपन्न वादियों की ही सुनवाई क्यों होनी चाहिए और आम वादी कहां जाएंगे.आप कैसे कहते हैं कि योग केंद्र एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है?हम 633 दिनों की देरी को कैसे स्वीकार कर सकते हैं?अगर हम ऐसा करेंगे तो हम एक मिसाल कायम करेंगेऐसा लगेगा कि हम संपन्न वादियों को विशेष उपचार दे रहे हैंअब जबकि योग केंद्र का निर्माण हो चुका है,तो आप यह नहीं कह रहे हैं कि यह खतरनाक हैअब आपकी चिंता यह सुनिश्चित करने की होनी चाहिए कि सभी पर्यावरणीय मापदंडों का पालन किया जाएसूर्य का प्रकाश,हरियाली,उन मुद्दों को उठाएंहर किसी को इसका पालन करना अनिवार्य है