Fri Dec 20
अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स कैसे लौटेंगी? जानें क्या हैं 3 बड़े खतरे
नई दिल्ली:
एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बैरी विल्मोर (Barry Wilmore) को अंतरिक्ष में फंसे हुए दो महीने से अधिक वक्त हो गया है. बोइंग स्टारलाइनर (Starliner) मिशन लगभग आठ दिन का होने वाला था और दोनों एस्ट्रोनॉट की 14 जून तक वापस पृथ्वी पर लौट जाने की उम्मीद थी. हालांकि,स्पेसक्राफ्ट में तकनीकि खराबी हो जाने के कारण दोनों का पृथ्वी पर वापस आना अनिश्चितकाल तक लेट हो गया है. स्पेसक्राफ्ट को 5 जून को लॉन्च किया गया था लेकिन इसके थ्रस्टर में ग्लिच आ जाने के कारण स्पेसक्राफ्ट में सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर फंस गए हैं.
दोनों के फंसे रहने के कई हफ्तों बाद ऐसी रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि नासा (NASA) स्पेसएक्स के ड्रैगन (SpaceX Dragon) स्पेसक्राफ्ट को कंसीडर कर सकता है,जो अगले साल फरवरी में वापस आएगा और इस वजह से दोनों 2025 तक स्पेस में फंसे रह सकते हैं. नासा भले ही फंसे हुए दोनों एस्ट्रोनॉट को सुरक्षित रूप से वापस लाने के वैकल्पिक उपायों पर विचार किए जाने के बावजूद,सुनीता विलियम्स के वापसी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. स्पेससूट से लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर बिगड़ते स्वास्थ्य तक,इंटरनेट पर ऐसी रिपोर्टें छाई हुई हैं जो विलियम्स और विल्मोर के लिए और अधिक अराजकता का संकेत देती हैं.
फिलहाल नासा इस बात पर विचार कर रहा है कि क्या उन्हें खराब स्टारलाइनर में ही बने रहना चाहिए या फिर स्पेसएक्स ड्रैगन की मदद लेनी चाहिए,जो बोइंग का प्रतिद्वंदी है. अगर दोनों बोइंग स्टाइलानर से वापसी का सोचते हैं तो यह विलियम्स और विलमोर के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सेना में अंतरिक्ष प्रणाली कमांडर रहे रूडी रिडोल्फी ने विलियम्स और विलमोर की वापसी को लेकर तीन खतरनाक सीन बताए हैं... जो उन स्थितियों में हो सकते हैं जिनमें नासा स्टारलाइनर का इस्तेमाल करने का सोचता है.
पहला सीन : बहुत तीव्र पुन: प्रवेश कोण
रिपोर्ट के आधार पर इस सीन का मतलब है कि थ्रस्टर का फेल हो जाना और ऐसी स्थिति में स्पेसक्राफ्ट में केवल 96 घंटों की ऑक्सीजन और पावर रह जाएगी. अगर स्टारलाइनर का सर्विस मॉड्यूल कैप्सूल को बहुत ज़्यादा तीव्र रीएंट्री कोण पर रखता है,तो बढ़े हुए घर्षण की वजह से हीट शील्ड फेल हो सकती है. इससे कैप्सूल वायुमंडल में जल जाएगा और उसमें सवार एस्ट्रोनॉट vapourise हो जाएंगे.आपको यह समझना जरूरी है कि बोइंग स्टारलाइनर के सर्विस मोड्यूल में दिक्कत है,जो मुख्य रूप से पूरे शिप का कंट्रोल सेंटर है. सर्विस मोड्यूस में सिस्टम थ्रस्टर,पानी,ऑक्सीजन आदि को कंट्रोल करते हैं. इस वजह से जरूरी है कि सर्विस मोड्यूल ऐसे एंगल पर हो कि वो आसानी से पृथ्वी पर वापस आ सके.
दूसरा सीन : बहुत उथला पुनःप्रवेश कोण
रिडोल्फी के मुताबिक अगर पुन:प्रवेश कोण बहुत उथला हुआ होता है तो कैप्सुल पृथ्वी के वायुमंडल से बाउंस ऑफ हो सकता है और वो स्पेस में वापस जा सकता है. इसका मतलब है कि एस्ट्रोनॉट हमेशा के लिए ऑर्बिट में कहीं फंसे रह सकते हैं और फिर नासा को उन्हें ढूंढने और कैप्सुल को वापस प्राप्त करने की कोशिश करनी पड़ेगी.तीसरा सीन : वापसी के वक्त थ्रस्टर का फेल होना
जैसा कि सभी जानते हैं कई थ्रस्टर पहले भी फेल हुए है और इस वजह से वापसी में ऐसा हो पाने का खतरा बढ़ सकता है. अगर किसी वजह से ऐसा होता है तो दोनों एस्ट्रोनॉट स्पेस में फ्लोट करने लगेंगे और उनके पास लिमिटिड ऑक्सीजन और पावर होगी. उनके पास इस स्थिति में थ्रस्टर को ठीक करने के लिए 96 घंटों का वक्त होगा और उसी बीच दोनों को पृथ्वी पर वापस लाना भी जरूरी हो जाएगा.रिपोर्ट में रिडोल्फी ने सुझाव दिया है कि नासा को स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सुल के साथ रेस्क्यू मिशन लॉन्च करने के बारे में सोचना चाहिए. उनका मानना है कि यह सबसे सुरक्षित उपाय में से एक है. उन्होंने नासा को जोखिमों का गहन मूल्यांकन करने तथा वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करने की भी सलाह दी,जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए.