रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द आएंगे भारत, क्रेमलिन ने दी जानकारी

2024-11-20     HaiPress

नई दिल्ली:

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले साल भारत की यात्रा कर सकते हैं. राजनयिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी और कहा कि दोनों देशों के नेताओं की परस्पर वार्षिक यात्राओं के लिए निर्धारित रूपरेखा के तहत यह यात्रा हो सकती है.


सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्ष इस यात्रा की संभावनाएं तलाश रहे हैं,लेकिन अभी इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस साल जुलाई में मॉस्को में जब पुतिन से मिले थे तो उन्हें भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया था. मोदी ने पिछले महीने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भी रूस के कजान की यात्रा की थी.

इससे पहले मंगलवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने दिल्ली में वरिष्ठ भारतीय संपादकों के साथ एक वीडियो वार्ता में भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध का उल्लेख किया और कहा कि पुतिन की यात्रा की संभावना है. उन्होंने कोई विशिष्ट तारीख नहीं बताई या यात्रा की निश्चित घोषणा नहीं की.

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने यह मीडिया वार्ता आयोजित की थी. पेस्कोव ने कहा,‘‘हम यात्रा को लेकर आशान्वित हैं. जल्द ही मिलकर तारीख तय की जाएंगी.''

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के यूक्रेन को अमेरिकी मिसाइलों से रूस के अंदर लक्ष्यों पर निशाना साधने देने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर पेस्कोव ने कहा कि रूस की सैन्य क्षमताओं की यूक्रेन से कोई तुलना ही नहीं है और कोई भी मिसाइल यूक्रेन की मदद नहीं कर सकती.

पेस्कोव की टिप्पणी उस दिन आई है जब राष्ट्रपति पुतिन ने एक नयी परमाणु नीति पर हस्ताक्षर किए,जिसमें घोषणा की गई है कि किसी भी देश द्वारा परमाणु शक्ति संपन्न देश की मदद से रूस पर पारंपरिक तरीके से हमला किया जाता है तो इसे उनके देश पर संयुक्त हमला माना जाएगा.

पेस्कोव ने कहा,‘‘बाइडन प्रशासन युद्ध के लिए खड़ा है,शांति के लिए नहीं.'' उन्होंने कहा,‘‘व्हाइट हाउस में बैठे अधिकारी रूसी संघ के खिलाफ अपने हथियारों का इस्तेमाल करने का फैसला लेते हैं और यह हमारे देश के इर्द-गिर्द नए माहौल का एक साक्षात उदाहरण है.''

पेस्कोव ने कहा,‘‘संभावित दुश्मन को यह समझना चाहिए कि अगर वे रूस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश करते हैं तो परमाणु प्रतिक्रिया अपरिहार्य हो जाती है. अगर कोई देश पारंपरिक हथियारों से हम पर हमला करता है,लेकिन परमाणु शक्ति संपन्न किसी देश की मदद और सहायता से ऐसा करता है,तो हम इसे अपने देश के खिलाफ एक संयुक्त हमला मानेंगे.''

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